आपके स्वस्थ और सुंदर दांत

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स्वस्थ और सुंदर दांत बरबस ही लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेते हैं। आपकी लुभावनी मुस्कान का श्रेय आपके स्वस्थ और  मोती से चमकते दांतों को ही जाता है। तरह तरह के स्वादिष्ट व्यंजन का आस्वादन भी हम अपने दांतों के द्वारा ही करते है। अब सोच लीजिए कि यदि दांत बीमार हो जाएं तो जीवन के कितने स्वादों से आप वंचित रह जाएंगे। समय रहते चेत जाइए और दांतों की सुरक्षा के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखिए।

– हर मुख्य भोजन के बाद ब्रश करें।

– दोनों समय के भोजन के बाद चुटुर पुटुर खाने की आदत न डालें।

– यदि ऐसा है भी तो हर खाने के बाद पानी से कुल्ला अवश्य करें। ऐसा करने से दांतों के बीच फंसे भोजन के कण पानी के साथ निकल जाते हैं।

– पत्तेदार हरी सब्जियां, फल और रेशेदार भोजन स्वास्थ्य के लिए तो अच्छा है ही, इससे दांतों और मंसूड़ों की अच्छी खासी कसरत भी होती है।

दांतों पर ब्रश करने का सही तरीका: कुछ लोगों को यह भ्रम होता है कि यदि दांतों पर रगड़ – रगड़ कर ब्रश किया जाए तो उनके दांत अधिक साफ होंगे। परंतु यह बात सच नहीं है। दांतों पर जोर – जोर से ब्रश करने से  मसूड़ों को चोट पहुंचती है और दांत की पालिश भी खराब होती है। ब्रश को बहुत धीमे – धीमे दांतों पर रगड़ना चाहिए जिससे कि दांतों में चिपके भोजन के कण निकल भर जाएं।

क्या आपको मालूम है कि –

– सेब का सेवन करने से दांतों में चमक आती है। सेब खाने से दांतों में चिपके भोजन के कण निकल जाते  है भोजन के बाद मुंह में चिकनेपन व चिपचिपेपन के एहसास से मुक्ति मिलती है, मुंह का स्वाद ताजा हो जाता है। लेकिन सेब खाने के बाद भी पानी से कुल्ला अवश्य करें क्योंकि सेब की मिठास भी दांतों को नुकसान पहुंचाती है।

– पान चबाने की क्रिया से दांत मजबूत होते हैं, परंतु पान खाने से दांतों पर बुरा असर भी पड़ सकता है। जिन दांतों को दिन रात पान खाने की आदत होती है वे पान को मुंह में एक ओर दबाए रहते हैं पान दबाए – दबाए ही सोने भी चले जाते हैं। इससे मुंह का कैंसर होने का खतरा रहता है।

– तंबाकू वाला पान दांतों के दर्द से कुछ समय के लिए राहत तो दिला देता है, पर यह खराब दांतों का कोई स्थाई इलाज नहीं है।

– सुपाड़ी, पान और तंबाकू की अपेक्षा दांतों के लिए कम हानिकारक है। लेकिन लगातार सुपाड़ी चबाते रहने से दांतों का एनामिल खराब हो जाता है।

– चूइंगगम दांतों को साफ करने में मदद करती है। खाने के पश्चात जो कण दांतों में चिपके रह जाते है, वे चूइंगगम में चिपक जाते हैं। चूइंगगम चबाने से दांत व मसूड़े मजबूत होते हैं, परंतु यह बात भी सच है कि चूइंगगम का मीठापन दांतों को नुकसान पहुंचाता है।


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