एक दिन अचानक मुझे शीला दिखाई पड़ी। एक बच्चे का हाथ पकड़ और एक को गोद में लिए हुए, बड़ी तेजी से रेलवे स्टेशन से बाहर चली आ रही थी। मैनें पूछा, “कहो, शीला क्या हाल चाल है ?“
“अरे, करना क्या है शादी के बाद, बच्चों को पालना, चूल्हा चैका देखना, घर गृहस्थी करना और कर ही क्या सकती हूं। घर से बाहर निकलना तो मेरे लिए अब मुमकिन ही नहीं रहा। घर गृहस्थी में इस कदर व्यस्थ हो गई हूं, कि अब और कुछ करना तो दूर रहा, सोच भी नहीं सकती।“
यह समस्या सिर्फ शीला की ही नहीं, बल्कि न जाने कितनी महिलाओं की है। शीला, जो शादी से पहले एक तेज तर्रार स्मार्ट लड़की थी। वही आज गृहिणी के रूप में निराशा भरे स्वर में कहती है, “क्या करूं, घर गृहस्थी में बंध जो गई हूं।“
आज इस महंगाई के युग में एक आदमी पर पूरे परिवार का बोझ हो, तो वह सबकी आवश्यकताओं को किस प्रकार पूरा कर सकता है ? इस कमरतोड़ महंगाई में तो घर के हर सदस्य कुछ – न – कुछ करें, तभी सुख और शांति के साथ रह सकते हैं। इसके लिए आवश्यक नहीं कि महिलाएं बाहर जाएं या किसी दफ्तर की नौकरी ही करें। बहुत से ऐसे काम भी हैं, जो घर बैठे ही किए जा सकते हैं।
यहां पर हम कुछ ऐसे सुझाव दे रहे हैं, जो घर बैठे किए जा सकते हैं। जिन महिलाओं का बाहर निकलना संभव नहीं है या जिनके बच्चे अभी छोटे है, वे इन सुझावों में से अपनी सुविधा व रूचि के अनुसार कोई भी कार्य चुन सकती हैं और घर बैठे उसे कर सकती हैं। इससे उन्हें दो फायदे होंगे। एक तो यह कि वह अपने वक्त का सही उपयोग कर सकेंगी। इधर उधर की गप्पें मारने या किसी की बुराई भलाई करने से तो बेहतर है कि अपने काम में व्यस्त रहा जाए, जिससे समय भी अच्छा कटे और कुछ पैसों की आमदनी भी हो। इस प्रकार अपने परिश्रम से कमाया हुआ पैसा आप अपनी इच्छानुसार व्यय या संचय भी कर सकती हैं।
1. यदि आपको नये नये व्यंजन बनाने का शौक है, तो छोटी मोटी पार्टियों के लिए खाना तैयार करने का काम कर सकती हैं। इसके लिए किसी स्थानीय समाचार पत्र या आनलाईन विज्ञापन करवा दें, उसके बाद आर्डर आपको घर बैठे मिल जाया करेंगे और आप 20 – 25 आदमियों का खाना बनाकर दे देंगी और यदि जिसके यहां पार्टी है और उसने आपको भी आमंत्रित किया हो, तो आप भी शाम को पहन ओढ़ करके तैयार होकर पार्टी में शामिल हो सकती हैं। इस प्रकार आपको इससे आमदनी भी होगी और आपका थोड़ा मनोरंजन भी हो जाएगा।
2. यदि आप अचार, मुरब्बा, जैम, जैली आदि बनाना जानती हों, तो यह भी एक अच्छा काम है। आप बाजार से कुछ कम दाम पर अगर इन चीजों को देंगी, तो लोग बाजार की अपेक्षा आपसे लेना बेहतर समझेंगे। धीरे – धीरे लोग आपसे परितिच हो जाएंगे और आप घर बैठे आराम से आमदनी कर सकेंगी।
3. इसके अलावा मुंगौड़ियां बनाने का काम भी किया जा सकता है। इसके लिए ऐसा करें, कि अपने पास – पड़ोस की चार पांच औरतें मिलकर इस काम को करें तो वह ज्यादा आसान व मनोरंजक हो जाएगा। जैसे एक दिन किसी एक के घर में सभी औरतें इकट्ठी हो जाएं और मिल करके बड़ियां तोड़ लें। इसके बाद थोड़ी देर गपशप करके चाय नाश्ता करके शाम होने से पहले ही अपने – अपने घरों को वापस चली जाएं। इसी तरह दूसरे दिन किसी दूसरे के घर और तीसरे दिन किसी और के यहां बड़ियां बनाने का कार्यक्रम रखें। इससे काम करने में मन भी लगेगा, समय भी अच्छा बीत जाएगा और पैसों की आमदनी तो होगी ही। पापड़, चिप्स, सेव वगैरह बनाना ऐसे काम हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से मिल कर किया जा सकता है। प्रारंभ में दुकानों पर जाकर अपना माल देना पड़ता है, पर बाद में व्यापारी घर आकर ही क्रय करने लगते हैं।
4.यदि आपको सिलाई में रूचि है, तो यह भी एक अच्छा व्यापार है। यदि आपने सिलाई में डिप्लोमा लिया है, तो आप सिलाई सिखाने का काम भी घर बैठे कर सकती हैं। आवश्यक नहीं है कि इसके लिए आप एक साथ दस सिलाई मशीनें खरीदें। शुरू – शुरू में अपनी हैसियत के अनुसार दो चार ही काफी हैं। अपना विज्ञापन दे दें और एक छोटा सा बोर्ड घर के बाहर लगवा दें। शुरू में पूरे दिन में सिर्फ एक बैच रखें। फिर, धीरे – धीरे प्राप्त आय से इस काम को बढ़ाएं।
5. यदि आप बुनाई में निपुण हैं, तो एक निटिंग मशीन खरीद लें। दुकानों में जाकर सम्पर्क करें, वह आपको आर्डर देंगे और आप स्वेटर बनाकर उन्हें देंगी। इस प्रकार आप घर के अंदर बैठकर एक अच्छा व्यापार कर सकती हैं। यदि आप मशीन खरीदने में असमर्थ हैं तो हाथ से भी काम किया जा सकता है।
6. कुछ महिलाएं फाॅल लगाने का काम भी करती हैं। यह भी ठीक है। इसके लिए कोई चीज खरीदने की आवश्यकता नहीं है।
7. इसी प्रकार कढ़ाई का काम भी किया जा सकता है। हमारे मुहल्ले में कुछ महिलाएं हैं जो शाॅल काढ़ने का काम करती हैं। यदि मशीन से कढ़ाई कर सकें तो और भी अच्छा है।
8. यदि आपको बागवानी का शौक है, तो इसके माध्यम से भी आमदनी की जा सकती है। मौसम के अनुसार फूलों का बीज रखें और समय से उसे बोकर पालीथिन के छोटे – छोटे लिफाफों में मिट्टी भरकर उसमें एक – एक पौधे लगाकर बेच सकती हैं। इसमें अधिक परिश्रम भी नहीं करना है। इसी प्रकार सब्जियों की पौध लगाकर उसे तैयार करके बाजार में बेच सकती हैं। बाजार में न भी बेचें तो घर पर ही (ग्रीन हाउस) का बोर्ड लगा दें और एक अच्छी सी नर्सरी मेंटेन कर लें, बस। लोग आपके घर में ही आकर पौधे एवं फूल ले जाया करेंगे। इस काम को शुरू करने में पैसा ज्यादा नहीं लगेगा और आमदनी अच्छी खासी हो जाएगी।
9. कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जिन्हें घरेलू कामों में खास रूचि नहीं होती। ऐसी महिलाएं शिक्षा में यदि दिलचस्पी रखती हैं, तो वह भी घर पर बच्चों को पढ़ाने का काम कर सकती हैं। अपनी योग्यतानुसार छोटे या बड़े क्लास के बच्चों का ट्यूशन कर सकती हैं।
10. यदि आपको हिंदी और अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान है, तो इसका भी उपयोग करना चाहिए। किसी संस्था से संपर्क करके कुछ काम ले सकती है, जैसे अनुवाद कार्य। घर बैठे यह काम किया जा सकता है।
11.यदि आपने ब्यूटीशियन का कोई कोर्स किया है तो घर पर ही एक अच्छा सा ब्यूटीपार्लर खोल सकती हैं। घर के सामने ब्यूटी पार्लर का बोर्ड लगवा दें और जो समय आपको सूट करता हो, वह समय बोर्ड पर लिख दें। आजकल ब्यूटीपार्लर में जाने वालों की कमी नहीं है। कहीं भी हो, कैसा भी हो, खूब चलेगा। यदि अकेले नहीं कर सकतीं, तो अपने साथ अपनी किसी सहेली, रिश्तेदार या पड़ोसी को भी रख सकती हैं।
12. यदि आपकी संगीत में रूचि है और आपने कोई डिपलोमा किया हो, जिससे आप संगीत सीखाने का काम कर सकती हैं, तो यह भी एक अच्छा काम है। घर में हारमोनियम या तानपूरा रख लें और पास पड़ोस की लड़कियों को सिखाने का काम शुरू कर दें। इसके लिए तो एक हारमोनियम या तानपूरा ही पर्याप्त है। संगत करने के लिए एक तबला भी रखें, यदि आपको तबले का ज्ञान न हो, तो किसी और को भी अपने साथ रख सकती हैं, जो तबले पर संगत करे। शास्त्रीय संगीत के अलावा सितार, गिटार, बैन्जो इत्यादि जो भी आप सिखा सकती हों, उसकी क्लास ले सकती हैं।
कोई भी काम करने से पहले मानसिक रूप से पूर्णतया तैयार होने के बाद ही शुरू करें। ऐसा करने से काम में मन लगेगा।
अपनी रूचि के अनुसार ही व्यापार का चयन करें। जबरदस्ती या किसी के जोर डालने पर नहीं, अन्यथा काम ठीक प्रकार से नहीं कर सकेंगी।
किसी भी काम को छोटा न समझें। उदाहरण के लिए स्वेटर बुनना या फाॅल लगाना आदि। काम यह समझ कर करें कि खाली बैठकर क्या करेंगी।
किसी भी काम को शुरू करते समय धैर्य से काम लें। प्रारंभिक दिनों में आमदनी काफी कम होती है, इसलिए धैर्य न छोड़ें। लगन से काम करें, धीरे – धीरे आमदनी निश्चित रूप से बढ़ेगी। आप अपना व्यवहार मधुर व शिष्ट रखें।
जो भी सामान आप तैयार कर रही हों, उसमें लगी लागत को जोड़ना न भूलें। मार्ग व्यय इत्यादि का पैसा भी उसमें अवश्य जोड़ लें।
मनोरमा सेल